हम सब ने अपने बचपन में कभी न कभी पहेलियाँ पढ़ी और सुनी होंगी या पहेलियों से सम्बंधित खेल भी खेले होंगे। आपको पता ही होगा की पहेलियाँ हमारे दिमाग की वृद्धि के लिए बहुत सहायक होती है। जितना पुराना इतिहास मानव सभ्यता का है उतना ही पुराना इतिहास पहेली का है। यदि आप आज भी पहेलियाँ पढने और उन्हें सुलझाने में रुची रखते है तो आज का ये लेख आपके लिए बहुत मजेदार होने वाला है। क्यूंकि इन पहेलियों को पढ़कर ना केवल आपको मजा आएगा बल्कि आपको आश्चर्य भी होगा। आज के इस लेख में हम आपके लिए Best Majedar Paheliyan लेकर आए है। इतना ही नहीं आप इन पहेलियों को अपने दोस्तों के साथ किसी भी Social Media Platform जैसे Facebook, Instagram ,WhatsApp पर शेयर भी कर सकते है और अपनी बचपन की यादे भी ताजा कर सकते है।
Best Majedar Paheliyan In Hindi
वाणी में गुण बहुत है, पर मुझसे अच्छा कौन? सारे झगड़ों को टालूँ बतलाओ मैं कौन?
उत्तर – मौन
सब सोएँ पर यह न सोए चोर भाई की आँखें रोएँ
उत्तर – स्ट्रीट लाइट
कम्प्यूटर का मैं “की” कहलाता, मुझसे अक्षर, अंकन आता |
उत्तर – कीबोर्ड
गुलाबी नगर सदियों से, सबके मन को भाता हवामहल के कारण हीं, वो पहचाना जाता।
उत्तर – जयपुर
बापू के नाम से हुई, इस शहर की पहचान गुजरात की राजधानी, नगर है बड़ा महान
उत्तर – गांधीनगर
काली-काली एक चुनरिया, जगमग-जगमग मोती आ सजती धरती के ऊपर जब सारी दुनिया सोती
उत्तर – तारों भरा आकाश
वह कौन-सी जीव है, जो हर चीज का स्वाद जीभ से नहीं अपने पैरों से लेती है?
उत्तर – तितली
प्रथम काट कर “गाली” है, उसकी मां भी “काली” है फिर भी भारतवासी है, अपना प्यारा साथी है उत्तर – बंगाली
उत्तर – बंगाली
उल्टा कर दो रंग भरूं, सीधा रखो मैं फल हूँ बीमारों का दोस्त हूँ मैं, देता उन्हें बहुत बल हूँ
उत्तर – चीकू
केरल से आया टिंगू काला, चार कान और टोपी वाला
उत्तर – लौंग
देश भी हूँ, औजार भी हूँ, खींचो अगर तो हूँ पानी अढ़ाई अक्षर का नाम है वो, पूछ रही मेरी नानी
उत्तर – बर्मा
कठोर भी हूँ और महंगा भी, उल्टा कर दो सफर करूं करवा दूँ सबमें झगड़ा, मुंह में रख लो प्राण हरूं
उत्तर – हीरा
अंदर सफेद बाहर लाल, मैं सब्जी हूं एक कमाल मुझको छीलो आंसू आए, बोलो बच्चों क्या कहलाऊँ
उत्तर – प्याज
ना हूँ फिगर, ना हीं लेडी लोग कहे मुझे लेडी फिंगर मैं सब्जी हूँ एक निराली, खूब विटामिन मेरे अंदर
उत्तर – भिंडी
चाय में डालो टेस्ट बढ़ाओ, सर्दी-जुकाम सब दूर भगाओ चार अक्षर का मेरा नाम, नाम बताओ भोलू राम
उत्तर – अदरक
एक किले में चोर बसे हैं, सबका मुंह है काला पूंछ पकड़ कर आग लगाई, झट कर दिया उजाला
उत्तर – माचिस
हरी थी तब फूटी थी जवानी, लेकिन बुढ़ापे में मचाया धमाल
उत्तर – मिर्ची
मैं कागज का ऐसा टुकड़ा, ठुमक-ठुमक कर जाऊँ हर-शहर और गांव-गांव में सबके संदेश पहुंचाऊँ
उत्तर – पत्र
कश्मीर का फल है यह न्यारा, हिमाचल में सभी का यह प्यारा हरा-लाल रंग इसका अनोखा, लौह खनिज का अनुपम भंडारा
उत्तर – सेब
बूझो तो जाने ? पहेलियाँ ?
रूई जैसा लगता, फिर भी रूई नहीं भरा लबालब पानी, फिर भी रूई नहीं
उत्तर – बादल
चार अक्षर से बनकर मैं तो, आया सबके हाथ में बात करो या गाने सुनो, रखना अपने साथ में
उत्तर – मोबाइल
मैं हूँ एक ऐसा तारा, धूप सभी को देता हूँ सभी ग्रहों का मुखिया हूँ मैं, तुमसे कुछ न लेता हूँ
उत्तर – सूरज
चिड़िया सी आंगन में चहके, फुलवारी सा जिससे घर महके अपनी होते हुए पराई, क्या कुछ-कुछ समझ में आई
उत्तर – बिटिया
एक कटोरी चूने के पानी को, अगर मुँह से फूंका जाए मुँह से निकली कौन-सी गैस, जिससे पानी दुधिया हो जाए
उत्तर – कार्बन डाइऑक्साइड
सुबह-सुबह सबके घर जाताा, कदम कदम हरि के गुण गाता पाता कुछ बहुत दे जाता, पहेली का है किससे नाता
उत्तर – भिखारी
तरुवर में शान इनकी, सकल अंग कड़वापन जड़ से होती औषधि, बताओ तो बेटा चुन्नू
उत्तर – नीम का पेड़
वह कौन है, जिसका सिर नहीं है, फिर भी वह टोपी पहनता है
उत्तर – बोतल
धीरे-धीरे वह चलता है, पेड़ों पर भी चढ़ता है ओढ़े इक काली रजाई, मजे से खाए रस-मलाई
उत्तर – भालू
तीन नदियों का मेल निराला, उससे निकली न्यारी धारा उस धारा का नाम बताओ, तभी बच्चों टॉफी पाओ
उत्तर – संगम
मुझमें भार सदा ही रहता जगह घेरना मुझको आता हर वस्तु से गहरा रिश्ता हर जगह मैं पाया जाता
उत्तर : गैस (Gas)
पत्ते के अंदर है बंद स्वादिष्ट जैसे कलाकंद बाजार हो या मेला खाया जाता है अकेला
उत्तर : केला
कर बोले कर ही सुने, श्रवण सुने नहीं थाह, कहें पहेली बीरबल, बूझो अकबर शाह
उत्तर : नब्ज़ (नाड़ी)
चार टांग की हूँ एक नारी, छलनी सम मेरे छेद, पीड़ित को आराम मैं देती, बतलाओ भैया यह भेद?
उत्तर : खटिया (चारपाई)
नदी किनारे खड़ा रहे, मारे एकटक नैन जब तक मीन न पकड़े, न मिले उसे चैन
उत्तर – बगूला
चिंकी के पिता के 5 बच्चे हैं –चिंकु, मिंटु, टिंकु, सुनूं तो बताओं पांचवे बच्चे का नाम क्या है?
उत्तर – चिंकी
अंडा बिके बीच बाजार, दर्जन भर सौ पचास बन तंदूरी और कबाब, स्वाद लगे खासम-खास
उत्तर – मुर्गी
सीधी होकर नीर पिलाती, उल्टी होकर दीन कहलाती
उत्तर – नदी
फल के अन्दर बिस्तर अपना, छिपे-छिपे हम सोए रहते मिट्टी में मिलकर हम उग आते बताओ तो हम क्या हैं?
उत्तर – बीज
खुशबू है पर फूल नहीं, जलती है पर ईर्ष्या नहीं
उत्तर – अगरबत्ती
तीन अक्षरों का नाम, उल्टा-सीधा एक समान नदी-ताल की आन, राष्ट्र की है एक शान |
उत्तर – जलज
एक छोटे कद का जानवर, कहते कम अक्ल का पर होता मेहनतकश, घोड़े का हमशक्ल का
उत्तर – गधा
मज़ेदार पहेलियाँ उत्तर के साथ (Paheliyan With Answer )
एक चीज़ का सस्ता रेट, लम्बी गर्दन, मोटा पेट पहले अपना पेट भरे, फिर सबकी प्यास बुझाए |
उत्तर – सुराही
बारह कदम चलकर रुक जाती, फिर कोई दूसरी आती ये क्रम सदा बना रहता है, उसको मनुज क्या कहता है |
उत्तर – साल
अलग-अलग पर एक हीं नाम, रूप एक सा एक हीं काम कुछ ना बोले लेकिन सुनते संग हम दोनों के बीच सुरंग |
उत्तर – कान
जय जवान जय किसान, किसका था नारा? कौन था वह ईमानदार, देश का दुलारा?
उत्तर – लाल बहादुर शास्त्री
छू जाने से ही यह शारमाए, देख रूप अपना ही इतराए छोटा फूल बड़ा शर्मिला यहीं, फूल बताओ ये क्या कहलाए |
उत्तर – छुई-मुई
जिसके आँगन में जीवन संभव, जिसको नील ग्रह सब माने जो सूरज के आगे-पीछे घूमें, नाम बताओ तो हम माने |
उत्तर – पृथ्वी
पीले रंग से गहरा नाता, मेरी रंगत सबको भाती घरती ओढ़ती मेरी चुनरी, वसंत ऋतु में आती |
उत्तर – सरसों
खुशबू उसकी सबसे न्यारी, कलियां भी लगती है प्यारी फूल बड़ा हीं यह है सुंदर, गुलकंद इसका पान के अंदर |
उत्तर – गुलाब
रात्रि बेला के आते हीं, भरते खूब उड़ान जलते-बुझते दीप सरीखे, बारिश के हम मेहमान |
उत्तर – जुगनू
काशी में मैं रहू अकेला, कलकत्ता में दो-दो दिल्ली में नहीं पाओगे तुम, कानपुर में खोजो |
उत्तर – “क”
दादी-नानी का यह धन, बच्चों का खुश कर दे मन |
उत्तर –कहानी
कद लंबा और रूप गोल है, आए काम जब आती रात रोती जलती खड़ी-खड़ी, कभी न पूछे कोई बात |
उत्तर – मोमबत्ती
एक जानवर ऐसा, जिसकी दुम पर पैसा
उत्तर – मोर
चार खड़े, दो अड़े, दो पड़े, एक-एक के मुंह में दो-दो पड़े |
उत्तर – खाट
दो अक्षर की मैं बहना, उल्टा-सीधा एक रहना |
उत्तर – दीदी
ऊपर से नीचे बहता हूँ, हर बर्तन को अपनाता हूँ देखो मुझको गिरा न देना,वरना कठिन हो जाएगा भरना |
उत्तर – द्रव्य
उल्टा करो नदी की धारा, सीधा रखो तो देवी पीताम्बर के साथ रहूँ मैं, नाम बताओ मेरा |
उत्तर – राधा
मोटी घनी पूंछ पीठ पर काली-काली रेखा है दोनों हाथों में उसको मैंने फल खाते देखा है |
उत्तर – गिलहरी
एक है ठगनी करे कमाल, दिखती हरी, लिखती लाल स्याही नहीं, न रंग गुलाल, बात जरा सी लगे सवाल |
उत्तर – मेंहदी
सब्जियों का राजा हूँ मैं, खाए मुझको लालू , शालू कार्बोहाइड्रेट खूब मैं देता, बच्चों मैं क्या कहलाता |
उत्तर – आलू
पाषाण की आकृति में, टोर खड़े हैं चहूं ओर राष्ट्र चिह्न बना अद्भुत, नाम बताओ बिना शोर |
उत्तर – अशोक स्तंभ
जय हिंद का नारा दिया, आजीवन किया संघर्ष तमाम नेताजी वो कहलाए, बताओ जी उनका नाम |
उत्तर – सुभाषचन्द्र बोस
जीभ नहीं है फिर भी बोले, पैर नहीं पर जंग में डोले राजा-रंक सभी को भाता, जब आता है खुशियाँ लाता।
उत्तर – रुपया
वर्गाकार खेत में होते, बीस कुशल मजदूर खेत के हर कोने में, होते कुएँ दूर-दूर |
उत्तर – कैरम बोर्ड
तनी है चादर जिसके ऊपर, पड़ने ना दे पानी हम पर |
उत्तर – छाता
मारे फिर भी आदर पाता, पुलिस नहीं फिर क्या कहलाता |
उत्तर – टीचर
रंग नहीं है रूप नहीं है, किंतु अनेक नाम जीवन मेरे बिना असंभव है, बच्चों बताओ मेरा नाम |
उत्तर – पानी
जून माह का तारीख एक, प्रथम सप्ताह में रहता पर्यावरण सुरक्षा की बात, हर कोई जरूर कहता |
उत्तर – 5 जून
प्रथम कटे तो लीन हो जाऊँ, मध्य कटे चावल बन जाऊँ अंत कटे तो भार हो जाऊँ, किसी देश का नाम कहाऊँ |
उत्तर – भारत
गलती को में खूब मिटाती, घिसते-घिसते खुद घिस जाती बच्चों की मैं पक्की मित्र, मिटा-मिटा बनवाती चित्र |
उत्तर – रबड़
धूम धड़ाका खूब करूँ मैं, तीन अक्षर का मेरा नाम अंतिम अक्षर ‘ख’ है मेरा, नाम बताओ भोलूराम |
उत्तर – पटाखा
महापुरुषों की धरोहर, है देश की शान तीन रंगों में लहराता, राष्ट्र की पहचान |
उत्तर – तिरंगा
बादल बरसे बिजली चमके, या बरसे अंगारा मातृभूमि की रक्षा खातिर, बीते जीवन हमारा |
उत्तर – फौजी
दुनिया का कौन-सा जीव है, जिसकी पांच आँखें होती हैं?
उत्तर – मधुमक्खी
मम्मी जी का मीठा गाना, मेरे जी को लगे सुहाना |
उत्तर – लोरी
एक पहेली सदा नवेली जो बूझे जिन्दा, जिन्दा में से मुर्दा निकले, मुर्दा में से जिन्दा |
उत्तर – अंडा
हरे रंग का है यह झंडा, कितना मीठा और रसीला |
उत्तर – गन्ना
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