Akbar Birbal Ki Kahani: यह उन दिनों की बात है जब राजा अकबर के घर एक नन्हे खूबसूरत बच्चे का जन्म हुआ था। राजा अकबर अपने सहजादे के आने से बहुत ज्यादा खुश थे। राजा अकबर अपने सहजादे से इतना प्रेम करते थे कि उनके मन में यह विचार आया की वो अपने सहजादे को क्यू ना दुनिया का सबसे खूबसूरत बच्चा घोषित कर दे।
ऐसा सोचकर राजा ने अगले दिन दरबार बुलाई जिसमे सभी मंत्रीगण उपस्थित थे। राजा अकबर अपने सहजादे के साथ दरबार में पहुंचते है। सहजादा राजा की गोद में बड़े मजे से खेल रहा था। सहजादे को देख सभी मंत्रीगण सहजादे को दुनिया का सबसे खूबसूरत बच्चा बताते है और उनकी तारीफ करना शुरू कर देते है।
राजा अकबर मंत्रीगण की बाते सुनकर बहुत खुश होते है और कहते है की क्या सहजादे को आज से दुनिया का सबसे खूबसूरत बच्चा घोषित कर दिया जाए। यह बात सुनकर सभी मंत्रीगण मंजूरी देते है लेकिन बीरबल इस बारे में कुछ नहीं कहता और चुप खड़ा रहता है।
राजा अकबर बीरबल की तरफ देखते हुए कहते है बीरबल तुम चुप क्यू हो। क्या तुम्हे इस बारे में कुछ नहीं कहना ?
बीरबल कहते है की गुस्ताखी माफ़ हो हुजूर। मै मानता हूँ कि सहजादा बहुत खूबसूरत बच्चा है। लेकिन मै आपकी इस बात से सहमत नहीं हूँ की सहजादा दुनिया का सबसे खूबसूरत बच्चा है।
राजा अकबर कहते है की बीरबल तुम जो कहना चाहते हो साफ़ साफ़ कहो, कि सहजादा खूबसूरत बच्चा नहीं है।
बीरबल बड़े ही विनम्र भाव से कहते है कि महाराज मेरे कहने का ये मतलब बिल्कुल भी नहीं है कि सहजादा खूबसूरत बच्चा नहीं है। मै बस इतना कहना चाहता हूँ कि इस दुनिया में और भी खूबसूरत बच्चे होंगे।
अकबर कहते है कि ठीक है बीरबल तुम अपनी बात को साबित करो और दुनिया के सबसे खूबसूरत बच्चे को दरबार में हाजिर करो। बीरबल कहते है जी महाराज। मुझे दुनिया के सबसे खूबसूरत बच्चे को ढूंढ़ने और आपके सामने पेश करने के लिए कुछ समय दीजिए । राजा अकबर बीरबल को कुछ दिनों का समय देते है और दरबार को समाप्त करते है।
कुछ दिनों बाद बीरबल जब अपनी खोज खत्म करके दरबार में आते है तो बीरबल को अकेले दरबार में खड़ा देख अकबर बहुत खुश होते है और कहते है क्या हुआ बीरबल तुम अकेले आए हो। इसका अर्थ तो यह है कि तुम्हे सहजादे से खूबसूरत बच्चा नहीं मिला।
बीरबल थोड़ा मुस्कुरा कर कहते है ऐसी बात नहीं है महाराज। मैंने दुनिया के सबसे खूबसूरत बच्चे को ढूंढ लिया है। अकबर कहते है यदि तुमने दुनिया का सबसे खूबसूरत बच्चा ढूंढ लिया है तो तुम उसे दरबार में लेकर क्यों नहीं आए ?
बीरबल कहते है महाराज मै उस बच्चे को यहा नहीं लेकर आ सकता। किन्तु मै आपको उस बच्चे के पास लेकर चल सकता हूँ। लेकिन उस बच्चे को देखने के लिए आपको वेश बदलना होगा।
अकबर कहते है यदि ऐसी ही बात है तो हम कल सुबह वेश बदल कर उस बच्चे को देखने के लिए चलेंगे।
अगली सुबह बीरबल और बादशाह अकबर उस बच्चे को देखने के लिए वेश बदलकर निकल जाते है। कुछ समय बाद बीरबल बादशाह को उस गांव में लेकर जाते है। जिस गांव में वह बच्चा रहता है। बीरबल बादशाह को गांव के पास में बनी एक झोपड़ी में लेकर जाते है जहा वह बच्चा रहता था। वहा पर एक छोटा सा बच्चा मिटटी में खेल रहा था। बीरबल उस बच्चे कि और इशारा करते हुए कहते है कि महाराज यही वो बच्चा है जो दुनिया का सबसे खूबसूरत बच्चा है।
बादशाह अकबर बड़े ही गुस्से में बीरबल को डाटते हुए कहते है कि तुम्हारी इतनी हिम्मत कि तुमने एक झोपड़ी में रहने वाले गरीब बच्चे कि तुलना मेरे सहजादे से की। बादशाह अकबर कि तेज आवाज सुनकर बच्चे ने जोर जोर से रोना शुरू कर दिया। बच्चे को रोता हुए देख बच्चे कि माँ ने गुस्से में कहा तुम्हारी इतनी हिम्मत कि मेरे बच्चे को बदसूरत बता रहे हो , चले जाओ यहा से और यहा कभी मत आना।
उसके बाद माँ बच्चे को अपनी गोद में लेती है और उससे प्यार करना शुरू कर देती है और कहती है कि मेरा बच्चा बहुत सुंदर और प्यारा है। बल्कि इतना ही नहीं मेरा बच्चा तो इस दुनिया का सबसे प्यारा बच्चा है। जिसके बाद बीरबल थोड़ा मुस्कुराते है और राजा कि तरफ देखते हुए कहते है महाराज अब आपको समझ आया कि मै आपको क्या समझाना चाहता था।
अकबर कहते है हां बीरबल अब मुझे सब समझ आ गया कि तुम मुझे क्या कहना चाहते थे। बीरबल कहते है महाराज हर बच्चा अपने माँ बाप के लिए दुनिया का सबसे खूबसूरत और प्यारा बच्चा होता है। महाराज मै बस आपको इतना कहना चाहता हूँ कि आप सहजादे को अच्छी परवरिस दे और उसे चापलूसी से दूर रखे।
महाराज बीरबल को गले लगा लेते है और कहते है कि तुम ही मेरे सच्चे मित्र हो और मेरे प्रति बहुत वफादार हो। तुमने मुझसे बिना डरे सच कहा और मेरी आखे खोल दी। तुमने एक बार फिर इस बात को साबित कर दिया की तुम मेरे और प्रजा का भला चाहते हो।
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शिक्षा
इस कहानी से हमे यह शिक्षा मिलती है कि हमे चापलूसी से बचकर रहना चाहिए और सच्चाई को बिना किसी से भी डरे बोलना चाहिए। हमे इतनी समझ रखनी चाहिए कि कौन हमे सच बोल रहा है और कौन चापलूसी कर रहा है। इसके अलावा हमे इस कहानी से यह शिक्षा मिलती है कि हमे कभी भी अपने औदे का ना तो घमंड करना चाहिए और ना ही गलत इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
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