गुलज़ार उर्फ़ सम्पूर्ण सिंह कालरा को आज के समय में कौन नहीं जानता। वह एक बेहतरीन और प्रसिद्ध भारतीय गीतकार, पटकथा लेखक, कवि, लेखक और फिल्म निर्देशक हैं जो गुलज़ार या गुलज़ार साहब के नाम से जाने जाते हैं। गुलजार साहब ने अपने काम के दम पर पूरी दुनिया में अपनी छाप छोड़ दी है। गुलजार साहब ने जिस गाने को छुआ उसी को अमर कर दिया। यदि आप भी गुलजार साहब की शायरी पढ़ना पसंद करते है तो आज का ये लेख Gulzar Shayari In Hindi आपका मन मोह लेगा।
इस ब्लॉग में हमने गुलजार साहब की लोकप्रिय शायरियो के बारे में बताया है। इसीलिए इस लेख को अंत तक जरूर पढ़े। यह से आप Gulzar Shayari Images भी डाउनलोड कर सकते है और उन्हें किसी भी Social Media Platform जैसे Facebook, Instagram, WhatsApp पर पोस्ट कर सकते है।
बेशूमार मोहब्बत होगी उस बारिश की बूँद को इस ज़मीन से,
यूँ ही नहीं कोई मोहब्बत मे इतना गिर जाता है!
तुम्हे जो याद करता हुँ, मै दुनिया भूल जाता हूँ ।
तेरी चाहत में अक्सर, सभँलना भूल जाता हूँ ।
“खता उनकी भी नहीं यारो वो भी क्या करते,
बहुत चाहने वाले थे किस किस से वफ़ा करते !”
तजुर्बा कहता है रिश्तों में फैसला रखिए,
ज्यादा नजदीकियां अक्सर दर्द दे जाती है…
कोई समझे तो
एक बात कहूँ साहब..,
तनहाई सौ गुना बेहतर है
मतलबी लोगों से..!
दिन कुछ ऐसे गुज़ारता है कोई
जैसे एहसान उतारता है कोई
ज़मीं सा दूसरा कोई सख़ी कहाँ होगा
ज़रा सा बीज उठा ले तो पेड़ देती है
खुली किताब के सफ़्हे उलटते रहते हैं
हवा चले न चले दिन पलटते रहते है
हम अपनों से परखे गए हैं कुछ गैरों की तरह,
हर कोई बदलता ही गया हमें शहरों की तरह….!
वो चीज जिसे दिल कहते हैं,
हम भूल गए हैं रख कर कहीं!!
वफा की उम्मीद ना करो उन लोगों से,
जो मिलते हैं किसी और से होते है किसी और के…!
आज मैंने खुद से एक वादा किया है, माफ़ी मांगूंगा तुझसे तुझे रुसवा किया है, हर मोड़ पर रहूँगा मैं तेरे साथ साथ, अनजाने में मैंने तुझको बहुत दर्द दिया है।
Gulzar Sahab Shayari In Hindi
कितनी लम्बी ख़ामोशी से गुज़रा हूँ, उन से कितना कुछ कहने की कोशिश की
कल का हर वाक़िआ तुम्हारा था
आज की दास्ताँ हमारी है
कोई न कोई रहबर रस्ता काट गया
जब भी अपनी रह चलने की कोशिश की
कोई अटका हुआ है पल शायद
वक़्त में पड़ गया है बल शायद
हसरत थी दिल में की एक खूबसूरत महबूब मिले,
मिले तो महबूब मगर क्या खूब मिले।
उनके दीदार के लिए दिल तड़पता है,
उनके इंतजार में दिल तरसता है,
क्या कहें इस कम्बख्त दिल को..
अपना हो कर किसी और के लिए धड़कता है।
सुना हैं काफी पढ़ लिख गए हो तुम,
कभी वो भी पढ़ो जो हम कह नहीं पाते हैं।
कोई पुछ रहा हैं मुझसे मेरी जिंदगी की कीमत,
मुझे याद आ रहा है तेरा हल्के से मुस्कुराना।
कोई आहट नही बदन की कहीं
फिर भी लगता है तू यहीं है कहीं
वक्त जाता सुनाई देता है
तेरा साया दिखाई देता है
आखिरी नुकसान था तू जिंदगी में,
तेरे बाद मैंने कुछ खोया ही नहीं..
वो हमे भूल ही गए होंगे
भला इतने दिनों तक
कौन खफा रहता है..
जिस की आंखों में कटी थीं सदियां
उस ने सदियों की जुदाई दी है
अच्छी किताबें और अच्छे लोग
तुरंत समझ में नहीं आते हैं,
उन्हें पढना पड़ता हैं
हाथ छूटें भी तो रिश्ते नहीं छोड़ा करते, वक्त की शाख से लम्हे नहीं तोड़ा करते!
Gulzar Shayari Captions In Hindi
थोड़ा है थोड़े की जरूरत है, ज़िन्दगी फिर भी यहाँ खुबसूरत है!
हम समझदार भी इतने हैं के
उनका झूठ पकड़ लेते हैं
और उनके दीवाने भी इतने के फिर भी
यकीन कर लेते है
जब से तुम्हारे नाम की मिसरी होंठ से लगाई है
मीठा सा गम मीठी सी तन्हाई है।
आदतन तुम ने कर दिए वादे,
आदतन हमने ऐतबार किया।
तेरी राहो में बारहा रुक कर,
हम ने अपना ही इंतज़ार किया।।
अब ना मांगेंगे जिंदगी या रब,
ये गुनाह हमने एक बार किया।।।
किसने रास्ते मे चांद रखा था,
मुझको ठोकर लगी कैसे।
वक़्त पे पांव कब रखा हमने,
ज़िंदगी मुंह के बल गिरी कैसे।।
आंख तो भर आयी थी पानी से,
तेरी तस्वीर जल गयी कैसे।।।
देर से गूंजते हैं सन्नाटे,
जैसे हम को पुकारता है कोई।
हवा गुज़र गयी पत्ते थे कुछ हिले भी नहीं,
वो मेरे शहर में आये भी और मिले भी नहीं।।
वो मोहब्बत भी तुम्हारी थी नफरत भी तुम्हारी थी,
हम अपनी वफ़ा का इंसाफ किससे माँगते..
वो शहर भी तुम्हारा था वो अदालत भी तुम्हारी थी
देख दर्द किसी और का आह दिल से निकल जाती है,
बस इतनी सी बात तो आदमी को इंसान बनाती है!
जख्म कहाँ-कहाँ से मिले हैं छोड़ इन बातों को,
ज़िन्दगी तू तो बता, सफ़र और कितना बाकी है!
तेरे जाने से तो कुछ बदला नहीं,
रात भी आयी और चाँद भी था, मगर नींद नहीं
में तो चाहता हूँ हमेशा मासूम बने रहना,
ये जो ज़िन्दगी है समझदार किए जाती है!
तुमको ग़म के ज़ज़्बातों से उभरेगा कौन,
ग़र हम भी मुक़र गए तो तुम्हें संभालेगा कौन!
कुछ अलग करना हो तो
भीड़ से हट के चलिए,
भीड़ साहस तो देती हैं
मगर पहचान छिन लेती हैं
इतना क्यों सिखाए जा रही हो जिंदगी
हमें कौन से सदिया गुजारनी है यहां
बहुत छाले हैं उसके पैरों में, कमबख्त उसूलों पर चला होगा
Best Gulzar Shayari WhatsApp Status
मैं दिया हूँ, मेरी दुश्मनी तो सिर्फ अँधेरे से हैं, हवा तो बेवजह ही मेरे खिलाफ हैं
बहुत अंदर तक जला देती हैं,
वो शिकायते जो बया नहीं होती
किसी पर मर जाने से होती हैं मोहब्बत,
इश्क जिंदा लोगों के बस का नहीं
तन्हाई की दीवारों पर
घुटन का पर्दा झूल रहा हैं,
बेबसी की छत के नीचे,
कोई किसी को भूल रहा हैं
दिन कुछ ऐसे गुज़रता है कोई,
जैसे अहसान उतारता है कोई…
आइना देख कर तस्सली हुई,
हमको इस घर में जानता है कोई!
ज़िन्दगी यूँ हुई बरस तन्हा,
काफिला साथ और सफ़र तन्हा!
तकलीफ़ ख़ुद की कम हो गयी,
जब अपनों से उम्मीद कम हो गईं
मिलता तो बहुत कुछ है
ज़िन्दगी में
बस हम गिनती उन्ही की
करते है जो हासिल न हो सका
गुलाम थे तो
हम सब हिंदुस्तानी थे
आज़ादी ने हमें
हिन्दू मुसलमान बना दिया
दिल के रिश्ते हमेशा किस्मत से ही बनते है,
वरना मुलाकात तो रोज हजारों 1000 से होती है
बेहिसाब हसरते ना पालिये
जो मिला हैं उसे सम्भालिये
बीच आसमाँ में था
बात करते- करते ही
चांद इस तरह बुझा
जैसे फूंक से दिया
देखो तुम….
इतनी लम्बी सांस मत लिया करो
अगर कसमें सब होती,
तो सबसे पहले खुदा मरता!
ज्यादा कुछ नहीं बदलता उम्र के साथ
बस बचपन की जिद्द समझौतों में बदल जाती हैं
थम के रह जाती है ज़िन्दगी,
जब जम के बरसती है पुरानी यादें!
सिर्फ शब्दों से न करना, किसी के वजूद की पहचान… हर कोई उतना कह नहीं पाता, जितना समझता और महसूस करता है!!
Gulzar Sahab Captions / Status
समेट लो इन नाजुक पलो को, ना जाने ये लम्हे हो ना हो, हो भी ये लम्हे क्या मालूम शामिल, उन पलो में हम हो ना हो
उसने एक ही बार कहा दोस्त हूं
फिर मैंने कभी नहीं कहा व्यस्त हूं।।
इतनी सी ज़िन्दगी है पर ख्वाब बहुत है
जुर्म तो पता नहीं साहब पर इल्जाम बहुत है।।
तुम्हारा साथ तसल्ली से चाहिए मुझे ,
जन्मों की थकान लम्हों में कहाँ उतरती है।।
नहीं करता मैं तेरी ज़िक्र किसी तीसरे से
तेरे बारे में बात सिर्फ़ ख़ुदा से होती है ।।
जो चाहे हो जाए वह दर्द कैसा और
जो दर्द को महसूस ना कर सके वो हमदर्द कैसा
मेरी किस्मत में नहीं था तमाशा करना,
बहुत कुछ जानते थे मगर ख़ामोश रहे।।
सलीका अदब का तो बरकरार रखिए जनाब,
रंजिशे अपनी जगह है सलाम अपनी जगह।।
मुहब्बत लिबास नहीं जो हर रोज बदल जाए
मोहब्बत कफन है जो पहन कर उतारा नहीं जाता।।
इतने बेवफा नहीं है की तुम्हें भूल जाएंगे,
अक्सर चुप रहने वाले प्यार बहुत करते हैं।।
तेरे बिना ज़िन्दगी से कोई
शिकवा तो नहीं
तेरे बिना पर ज़िन्दगी भी लेकिन
ज़िन्दगी तो नहीं
एक ना एक दिन हासिल कर ही लूंगा मंजिल..
ठोकरें ज़हर तो नहीं जो खा कर मर जाऊंगा।
शाम से आँख में नमी सी है, आज फिर आप की कमी सी है
दफ़्न कर दो हमें के साँस मिले, नब्ज़ कुछ देर से थमी सी है
यूं तो ऐ जिंदगी तेरे सफर से
शिकायते बहुत थी
मगर दर्द जब दर्ज करने पहुंचे
तो कतारें बहुत थी
बदल दिए है अब
हमने नाराज होने के तरीके,
रूठने के बजाय बस हल्के से
मुस्कुरा देते है।
तस्वीरें लेना भी जरूरी है जिंदगी में साहब
आईने गुजरा हुआ वक्त नहीं बताया करते
खुदकुशी हराम है साहब,
मेरी मानो तो इश्क़ कर लो
रात को चाँदनी तो ओढ़ा दो,
दिन की चादर अभी उतारी है।
Top Gulzar Shayari In Hindi
मैं हर रात सारी ख्वाहिशों को खुद से पहले सुला देता,
हूँ मगर रोज़ सुबह ये मुझसे पहले जाग जाती है।
उसने कागज की कई कश्तिया पानी उतारी और,
ये कह के बहा दी कि समन्दर में मिलेंगे।
मैंने मौत को देखा तो नहीं,
पर शायद वो बहुत खूबसूरत होगी।
कमबख्त जो भी उससे मिलता हैं,
जीना ही छोड़ देता हैं।।
चांदी उगने लगी है बालों में , के उम्र तुम पर हसीन लगती है !
और खामोश हो जाऊं माना कि मौसम भी बदलते हैं मगर धीरे-धीरे तेरे बदलने की रफ्तार से हवाएं भी हैरान है
एक सुकून सा मिलता है तुझे सोचने से भी,
फिर कैसे कह दूँ मेरा इश्क़ बेवजह सा है ।।
तो कभी हुआ नहीं,
गले भी लगे और छुआ नहीं।।
मुझे खौफ कहां मौत का,
मैं तो जिंदगी से डर गया हूं।।
दुश्मनी में भी दोस्ती का सिला रहने दिया उसके सारे खत जलाये बस पता रहने दिया
सोचता हूँ दोस्तों पर मुकदमा कर दूँ, इसी बहाने तारीखों पर मुलाक़ात तो होगी..!!!
मैंने जिंदगी में दोस्त नहीं ढूँढे, मैंने एक दोस्त में जिंदगी ढूँढी है.
कब आ रहे हो मुलाकात के लिए, मैंने चांद टोका है एक रात के लिए
ये दोस्ती का गणित है साहब यहां दो में से एक गया तो कुछ नहीं बचता..
जिंदगी छोटी नहीं होती है, लोग जीना ही देरी से शुरू करते हैं.
टूट जाना चाहता हूँ, बिखर जाना चाहता हूँ, में फिर से निखार जाना चाहता हूँ मानता हूँ मुश्किल हैं… लेकिन में गुलज़ार होना चाहता हूँ
आँखे थी जो कह गई सब कुछ, लफ्ज़ होते तो मुकर गए होते!
आओ जुबान बाँट ले अपनी-अपनी हम, न तुम सुनोंगे बात न हमको समझना है!
उन्हें ये जिद थी कि हम बुलाये
हमें ये उम्मीद थी कि वो पुकारे
हैं नाम होंठो पे अब भी लेकिन
आवाज में पड़ गयी दरारे
बदल जाओ वक़्त के साथ या वक़्त बदलना सीखो,
मजबूरियों को मत कोसो, हर हाल में चलना सीखो!
दौलत नहीं शोहरत नहीं,न वाह चाहिए
“कैसे हो?” बस दो लफ़्जों की परवाह चाहिए
कभी जिंदगी एक पल में गुजर जाती है
कभी जिंदगी का एक पल नहीं गुजरता
मेरी कोई खता तो साबित कर, जो बुरा हूं तो बुरा साबित कर, तुम्हें चाहा है कितना तू क्या जाने, चल मैं बेवफा ही सही, तू अपनी वफ़ा साबित कर।
Gulzar Shayari For Captions / Status
आदतन तुम ने कर दिए वादे,, आदतन हमने ऐतबार किया।, तेरी राहो में बारहा रुक कर,, हम ने अपना ही इंतज़ार किया।। अब ना मांगेंगे जिंदगी या रब, ये गुनाह हमने एक बार किया।।।
सामने आए मेरे, देखा मुझे, बात भी की,
मुस्कुराए भी, पुरानी किसी पहचान की ख़ातिर,
कल का अख़बार था, बस देख लिया, रख भी दिया।।
उधड़ी सी किसी फिल्म का एक सीन थी बारिश,
इस बार मिली मुझसे तो गमगीन थी बारिश।
कुछ लोगों ने रंग लूट लिए शहर में इस के,
जंगल से जो निकली थी वो रंगीन थी बारिश।।
थोड़ा सा रफू करके देखिए ना
फिर से नई सी लगेगी
जिंदगी ही तो है
ऐ हवा उनको खबर कर दे मेरी मौत की,
और कहना कफ़न की ख्वाहिश में मेरी लाश उनके आँचल का इंतज़ार करती है!
जब कभी देख लुं तुमको
तो मुझे महसूस होता है कि
दुनिया खूबसूरत है
तेरी यादों के जो आखिरी थे निशान,
दिल तड़पता रहा, हम मिटाते रहे…
ख़त लिखे थे जो तुमने कभी प्यार में,
उसको पढते रहे और जलाते रहे
कहू क्या वो बड़ी मासूमियत से पूछ बैठे है ,
क्या सचमुच दिल के मारों को बड़ी तकलीफ़ होती है
तुम्हारा क्या तुम्हें तो राहे दे देते हैं काँटे भी ,
मगर हम खांकसारों को बड़ी तकलीफ़ होती है
लगता है ज़िन्दगी आज कुछ खफा है,
खैर छोडिये कौन सी पहली दफा है!
शब्द नए चुनकर कविता हर बार लिखू, उन दो आँखों में अपना सारा प्यार लिखू, वो में विरह की वेदना लिखू या मिलन की, झंकार लिखू, कैसे इन चंद लफ्जो में दोस्तों अपना सारा प्यार लिखू।
ये भी जरूर पढ़े:
हम आशा करते है कि आपको Gulzar Shayari का ये लेख पसंद आया होगा। यदि आपको हमारा ये लेख पसंद आया हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करे। ऐसी ही और भी शायरी पढ़ने के लिए हमे Facebook, Instagram पर Follow करे। धन्यवाद