इमरान प्रतापगढ़ी, जिनका पूरा नाम इमरान प्रतापगढ़ी खान है, एक भारतीय कवि, गीतकार और कलाकार हैं। इमरान प्रतापगढ़ी ने शायरी और कविता के क्षेत्र में अपने काम से खूब नाम कमाया है। उनका जन्म 7 सितंबर, 1984 को प्रतापगढ़, उत्तर प्रदेश, भारत में हुआ था। इमरान प्रतापगढ़ी ने अपनी जोशीली और सामाजिक के रूप को प्रदर्शित करने वाली कविताओं से लोकप्रियता हासिल की, जो अक्सर राजनीति, सामाजिक न्याय और मानवाधिकार जैसे मुद्दों को उजागर करती है। आज के इस लेख में हम आपके लिए Imran Pratapgarhi Shayari का संग्रह लेकर आये है ।

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मोहब्बत के सभी मंजर बड़े खाली से लगते हैं,
अख़ीदत से कहे अल्फाज़ भी झाली से लगती हैं,
वो रोहित बेमूला की मौत पर आंसू बहाता है,
मगर उस शाख के आंसू भी
घड़ियाल(मगरमच्छ) से लगते हैं।

उसी जगह पर जहाँ कई रास्ते मिलेंगे,
पलट के आए तो सबसे पहले तुझे मिलेंगे।
अगर कभी तेरे नाम पर जंग हो गई तो,
हम ऐसे बुजदिल भी पहली सफ़ में खड़े मिलेंगे।

हमने उसके जिस्म को फूलों की वादी कह दिया,
इस जरा सी बात पर हमको फसादी कह दिया,
हमने अकबर बनकर जोधा से मोहब्बत की,
मगर सिरफिरे लोगों ने हमको लव जिहादी कह दिया।

Imran Pratapgarhi Shayari in hindi

राह में ख़तरे भी हैं, लेकिन ठहरता कौन है,
मौत कल आती है, आज आ जाये डरता कौन है !
तेरी लश्कर के मुक़ाबिल मैं अकेला हूँ मगर,
फ़ैसला मैदान में होगा कि मरता कौन है !!

अब ना मैं हूँ ना बाकी हैं ज़माने मेरे
फिर भी मशहूर हैं शहरों में फ़साने मेरे,
जिन्दगी है तो नए ज़ख्म भी लग जाएंगे.
अब भी बाकी हैं कई दोस्त पुराने मेरे ।

चक दमन रफू करके लिखता हूं मैं,
ज़ख्मा से गुफ्तगू करके लिखता हूं,
दर्द गाने को भी हौसला चाहिए,
आंसुओं से वजू करके लिखता हूं मैं..

मेरे खुलूस की गहराई से नहीं मिलते, ये झूठे लोग हैं सच्चाई से नहीं मिलते, मोहब्बतों का सबक दे रहे हैं दुनिया को जो ईद अपने सगे भाई से नहीं मिलते!

Imran Pratapgarhi Shayari In Hindi

हमने सीखा है ये रसूलों से,
जंग लड़ना सदा उसूलों से !
नफरतों वाली गालियाँ तुम दो,
हम तो देंगे ज़वाब फूलों से !!

अपनी मोहब्बत का यो बस एक ही उसूल है,
तू कुबूल है और तेरा सबकुछ कुबूल है।

अपनी सांसो में आबाद रखना मुझे.
में रहू ना रहू याद रखना मुझे….!!

हाथों की लकीरें पढ कर रो देता है दिल
सब कुछ तो है मगर एक तेरा नाम क्यूँ नहीं है…

मेरे खुलूस की गहराई से नहीं मिलते
ये झूठे लोग हैं सच्चाई से नहीं मिलते
मोहब्बतों का सबक दे रहे हैं दुनिया
को जो ईद अपने सगे भाई से नहीं मिलते.!

Imran Pratapgarhi Shayari in urdu

हाथों की लकीरें पढ कर रो देता है दिल
सब कुछ तो है मगर एक तेरा नाम क्यूँ नहीं है…

ज़माने पर भरोसा करने वालों,
भरोसे का ज़माना जा रहा है !
तेरे चेहरे में एैसा क्या है आख़िर,
जिसे बरसों से देखा जा रहा है !

सितारों से आगे जहाँ और भी हैं, अभी इश्क़ के इम्तिहाँ और भी हैं, तही ज़िंदगी से नहीं ये फ़ज़ाएँ, यहाँ सैकड़ों कारवाँ और भी हैं।

Imran Pratapgarhi Poems

यहीं पर नहीं जिंदगी खत्म होती
गर अपना कोई बेवफ़ा हो गया है,
समझ लो कि इक हादसा हो गया है।
नहीं इससे हर इक खुशी खत्म होती यहीं
पर यहीं पर नहीं जिंदगी खत्म होती।

imran pratapgarhi poem

खता दूसरे की सजा खुद को मत दो,
ज़हर जिसमें हो वो दवा खुद को मत दो।
न देखो कि कुछ लोग क्या कर रहे हैं,
हैं एकाध तो जो दुआ कर रहे हैं।
भुला दो वो गुजरी हुई सारी बातें,
समझ लो अंधेरे भरी थी वो रातें।
और इससे नहीं रोशनी ख़त्म होती
यहीं पर नहीं जिंदगी खत्म होती।

हुआ जो भी वो सब यकायक नहीं था,
यही सच है वो तेरे लायक नहीं था।
न टपके ज़मीं पर कोई अश्क बह के,
दिखा दो ये उसका दिया ग़म भी सह के।
ये आंसू हैं मोती इन्हें मत लुटाओ,
तुम्हें है कसम तुम ज़रा मुस्कुराओ।
नहीं बांटने से हंसी ख़त्म होती
यहीं पर नहीं जिंदगी खत्म होती।

तुम इस तरह ख़ुद को अकेले न छोड़ो,
ये दुनिया, ये दुनिया के मेले न छोड़ो।
अगर उसकी यादें हैं दिल से भुलाना,
मेरा गीत ये साथ लेकर के जाना।
तुम्हें बीते दिन याद बरबस दिलाकर,
तेरे टूटे दिल को यूं ढांढस बंधाकर।
है इमरान की शायरी ख़त्म होती
यहीं पर नहीं जिंदगी खत्म होती।

हवा कुछ ऐसी चली है बिखर गए होते
रगों में खून न होता तो मर गए होते
ये सर्द रात ये आवारगी ये नींद का बोझ
हम अपने शहर में होते तो घर गए होते
हमीं ने जख्मे -दिलो-जां छुपा लिए वरना
न जाने कितनों के चेहरे उतर गए होते
हमें भी दुख तो बहुत है मगर ये झूठ नहीं
भुला न देते उसे हम तो मर गए होते
सुकूने -दिल को न इस तरह से तरसते हम
तेरे करम से जो बच कर गुजर गए होते
जो हम भी उस से जमाने की तरह मिल लेते
हमारे शामो – ओ शहर भी संवर गए होते

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इमरान प्रतापगढ़ी ने विभिन्न काव्य कार्यक्रमों, मुशायरों (कविता सभाओं) में जाते रहते है और आप उनकी शायरी, कवितायें और रचनाएं YouTube और Twitter जैसे Social media Platform पर भी देख सकते है। उनकी कविता अपनी भावनात्मक गहराई और व्यापक दर्शकों से जुड़ने की क्षमता के लिए जानी जाती है। हम उम्मीद करते है की आपको आज का लेख पसंद आया होगा। अगर आप भी इमरान प्रतापगढ़ी के बारे में कुछ जानते है या उनको कोई कविता या शायरी जो आपको बेहद पसंद है तो आप कमेंट के जरिये हमसे सांझा कर सकते है। इस पोस्ट को पढ़ने के लिए हम आपका धन्यवाद करते है।

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