दोस्तों आज के इस लेख में हम आपके लिए लाये है Sadhbhawana Diwas Quotes In Hindi. क्या आपको पता है की सद्धभावना दिवस 20 अगस्त को क्यों मनाया जाता है। सद्धभावना दिवस 20 अगस्त को पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की जयंती के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। 20 अगस्त को हमारे पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गाँधी का जन्मदिन होता है। राजीव गाँधी का देश के विकास और नागरिकों के कल्याण के लिए बहुत योगदान रहा है इसलिए उनके जन्मदिन के दिन सद्धभावना दिवस मनाया जाता है।
इस दिन उन् सभी लोगो को सद्धभावना पुरुष्कार से सम्मानित किया जाता है जिनका सामाजिक सद्भाव को बढ़ावा देने के लिए अपना जीवन समर्पित किया हो। सध्भाव पुरुष्कार की शुरुवात साल 1992 में इस (इंडियन नेशनल कांग्रेस) के द्वारा की गई थी। इस पुरस्कार में एक प्रशस्ति पत्र और 10 लाख रुपये का नकद पुरस्कार शामिल होता है । आइये पढ़ते है Sadhbhawana Diwas Quotes In Hindi जिनको आप आसानी से किसी के साथ भी शेयर कर सकते हो।
Sadhbhawana Diwas Quotes In Hindi
कुछ दिनों के लिए, लोगों को लगा की भारत हिल गया है, लेकिन उनको यह पता होना चाहिए कि जब एक महान पेड़ गिरता है तो हमेशा झटके लगते है।
इंसानियत के धर्म को हम सभी को जानना होगा, भारत देश खूब तरक्की करेगा जब सद्भावना होगा। सद्भावना दिवस की हार्दिक शुभकामनायें
भारत एक प्राचीन देश, लेकिन एक युवा राष्ट्र है. मैं जवान हूँ और मेरा भी एक सपना है. मेरा सपना है भारत को मजबूत, स्वतंत्र, आत्मनिर्भर और दुनिया के सभी देशों में से प्रथम रैंक में लाना और मानव जाति की सेवा करना।
नफ़रत के सौदागरों को अब मत पनपने दीजिये, सौहार्द की बात करने वालों को चहकने दीजिये, राष्ट्र के दुश्मन होते है नफ़रत के बीज बोन वाले, सद्भावना की बात करने वालों को महकने दीजिये।
अगर मैं एक हिंसक मौत मरती हूँ,जैसा की कुछ लोग डर रहे हैं और कुछ षड्यंत्र कर रहे हैं, मुझे पता है कि हिंसा हत्यारों के विचार और कर्म में होगी, मेरे मरने में नहीं।
लड़कियों की तरक्की में देश की शान होती है, सद्भावना इंसानियत की असली पहचान होती है।
महिलायें एक देश की सामाजिक चेतना होती हैं, वे हमारे समाज को एक साथ जोड़ कर रखती है।
हर व्यक्ति को इतिहास से सबक लेना चाहिए.हमें यह समझना चाहिए कि जहाँ कहीं भी आंतरिक झगड़े और देश में आपसी संघर्ष हुआ है, वह देश कमजोर हो गया है।
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सद्धभावना दिवस 20 अगस्त Quotes
जीवन का उत्कर्ष उत्तेजना में नहीं, संवेदना में है, जीवन का उत्कर्ष दुर्भावना में नहीं सद्भावना में है।
यदि किसान कमजोर हो जाते हैं तो देश आत्मनिर्भरता खो देता है, लेकिन अगर वे मजबूत हैं तो देश की स्वतंत्रता भी मजबूत हो जाती है।
मानवता ही धर्म होना चाहिए, रूढ़िवादी विचारों का अंत होना चाहिए, हर दिल में सद्भावना होना चाहिए, धर्म के नाम पर झगड़ा बंद होना चाहिए।
वह केवल मेरे लिए ही माँ नहीं थी बल्कि पूरे देश के लिए माँ थी, अपने खून की आखिरी बूंद तक उन्होंने भारतीय लोगों की सेवा की।
जिनके विचारों में सद्भावना होती है, वे अपने जीवन में निराश नहीं होते है, वे हार कर भी लड़ने का हौसला रखते है, सफल होने पर विनम्रता रखते है।
अगर आप भी अपने देश के नागरिकों के प्रति सद्धभावना रखते है तो आइये आज के दिन यह प्रतिज्ञा ले !
मैं ये पूरी गंभीर प्रतिज्ञा लेता हूँ कि मैं जाति, क्षेत्र, धर्म और भाषा को बिना ध्यान दिये भारत के सभी लोगों के भावनात्मक एकात्मकता और सद्भावना के लिये कार्य करुँगा। और मैं कसम खाता हूँ कि बिना हिंसा के संवैधानिक साधनों और बातचीत के द्वारा एक-दूसरे के बीच की दूरीयों को अवश्य खत्म कर दूँगा।
जयहिंद!
Very nice post
Thank You