Samay Bahut Anmol Hai – Akbar Birbal Ki Kahani एक समय की बात है बादशाह अकबर अपने दरबार में बैठे थे तो चर्चा करने के लिए कोई ख़ास विषय नहीं था। इसलिए बादशाह अकबर ने सोचा की क्यों ना बीरबल की परीक्षा ली जाए।
बादशाह अकबर ने बीरबल को कहा की बीरबल जाओ और इस राज्य के सबसे बड़े चार मूर्खों को मेरे सामने लेकर आओ।
बीरबल ने कहा ठीक है हुज्र आप मुझे थोड़ा समय दे मैं इस राज्य के चार मुर्ख ढूंढ़कर आपके दरबार में लाता हूँ।
इसके बाद बीरबल दरबार से चले जाते है। लगभग एक महीना बीत जाता है , उसके बाद बीरबल बादशाह अकबर के अरबार में आते है और वो पाने साथ दो लोगों को लेकर आते है।
बीरबल को दो व्यक्तियों के साथ आता देखकर बादशाह अकबर गुस्से से कहते है की बीरबल मैंने तुमको चार मुर्ख आदमियों को लाने के लिए कहा था लेकिन तुम तो सिर्फ दो ही लेकर आये हो।
उसके बाद बीरबल ने कहा की महाराज आप फिक्र मत कीजिये मैं चार मुर्ख ही लेकर आया हु।
बीरबल ने एक आदमी की तरफ इशारा करते हुए कहा की महाराज के व्यक्ति बैलगाड़ी में बैठा हुआ था और उसने अपना सामान अपने सर पर रखा हुआ था। जब मैंने इस से पूछा की तुमने सामान को पाने सर पर क्यों रखा है तो इसने जवाब दिया की मैं बैलगाड़ी में और सामान रखकर बैलगाड़ी पर और अधिक वजन नहीं डालना चाहता। इसलिए इसके जवाब से या साबित होता है की ये मुर्ख है।
फिर बीरबल ने दूसरे व्यक्ति की तरफ इशारा करते हुए कहा की महारज ये अपनी भैस को छत पर ले जाकर चारा खिलाता है। जब मैंने इस से ऐसा करने का कारण पूछा तो इसने बताया की इसकी छत पर घास उग जाती है, इसलिए यह भैस को छत पर ले जाकर घास खिला देता है।
यह व्यक्ति छत पर उगने वाले घास को काटकर निचे लाकर भैस को खिला सकता है लेकिन यह भैस को ऊपर ले जाता है इसलिए ये साबित होता है की ये मुर्ख है।
फिर बीरबल ने कहा की महाराज इस राज्य में बहुत सारे महत्वपूर्ण कार्य है और एक व्यक्ति अपने कामों को छोड़कर पुरे राज्य में एक महीने से मुर्ख व्यक्तियों को ढूंढ रहा है। इसलिए मैं भी एक मुर्ख व्यक्ति हु।
बादशाह अकबर ने कहा की ठीक है ये तो तीन लोग हुए। चौथा मुर्ख कौन है ?
बीरबल ने मुस्कुराते हुए कहा की महाराज आप इतने बड़े राज्य को संभाल रहे है और इसके कार्यों को सँभालने के लिए चतुर और दिमाग वाली व्यक्ति की आवश्यकता होती है। लेकिन आप मुर्ख व्यक्तियों की तलाश कर रहे है तो चौथे मुर्ख आप है।
यह सुनकर बादशाह अकबर मुस्कुराने लग गए।
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इस कहानी से मिलने वाली सीख
Samay Bahut Anmol Hai – Akbar Birbal Ki Kahani से शिक्षा मिलती है की समय अनमोल है , उसको अपने सही कामों में इस्तेमाल करना चाहिए। फ़ालतू के कामों को लेकर अपना समय बर्बाद नहीं करना चाहिए।